चीन का बचाव: प्राकृतिक है कोरोना वायरस

करीब 9 महीने पहले चीन के वुहान से कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ था। उसके बाद से अब तक दुनियाभर में करीब 10 लाख लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन उससे जुड़े सवाल अनसुलझे हैं। इस बारे में जब भारत के एक पत्रकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) चीफ टेड्रोस ऐडनम से सवाल किया कि क्या कोरोना वायरस चीन से आया है, तो उन्होंने एक बार फिर चीन का बचाव किया। 


'प्राकृतिक रूप से आया वायरस'
डब्लूएचओ चीफ ने एक कार्यक्रम में मीडिया से बात कर रहे थे। इस दौरान भारत के पत्रकार ने उनसे उन दावों के बारे में सवाल किया कि कोरोना वायरस चीन के वुहान की वायरॉलजी लैब में पैदा हुआ है। इस पर उन्होंने कहा, डब्लूएचओ विज्ञान और सबूतों में विश्वास करता है। मीडिया इंटरव्यू में किसी ने कहा कि वायरस लैब से आया है, लेकिन जहां तक हमारी बात है, जितने प्रकाशन हमने देखे हैं उनमें कहा गया है कि वायरस प्राकृतिक रूप से आया है।' 


'विज्ञान का पालन करें'
ऐडनम ने आगे कहा, 'अगर कोई चीज इसे बदलने वाली है तो वह साइंटिफिक प्रक्रिया के जरिए आएगी। जो भी मीडिया में आकर कुछ कहता है, हम कुछ नहीं कह सकते। हम उनसे कहेंगे कि साइंटिफिक प्रक्रिया का पालन करें।' बता दें कि चीन से जान बचाकर भागीं वैज्ञानिक ली-वेंग यान ने दावा किया है कि वायरस चीन की लैब में ही पैदा हुआ और वहीं से फैला।
डॉ. यान ने कहा था, 'पहली बात तो यह है कि वुहान के मीट मार्केट को पर्दे के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है और वायरस प्राकृतिक नहीं है।' जब उनसे पूछा गया कि वायरस कहां से आया तो उन्होंने कहा कि वुहान के लैब से। उन्होंने कहा,'जीनोम सीक्वेंस इंसानी फिंगर प्रिंट जैसा है। इस आधार पर इसकी पहचान की जा सकती है।'यान ने कहा था कि वह सबूतों के आधार पर बता सकती हैं कि कैसे यह चीन की लैब से आया है।

प्रकाशित तारीख : 2020-09-27 09:12:55

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