चीन के बाद कोरोना वायरस का सबसे बड़ा केंद्र बना यूएस, न्‍यूयॉर्क में जा सकती हैं 5 लाख नौकरियां

कोरोना वायरस के कहर से अमेरिका बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। यहां पर लगातार मरीजों की और मरने वालों की संख्‍या में इजाफा हो रहा है। इतना ही नहीं दुनियाभर में इसकी वजह से छाया आर्थिक संकट अमेरिका में भी साफतौर पर देखा जा रहा है। यहां पर इसके मरीजों की संख्‍या ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है। इसका एक अर्थ ये भी है कि अमेरिका इस वायरस की चपेट में आने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है। एनबीसी के मुताबिक वर्तमान में अमेरिका में कोराना वायरस के मरीजों की संख्‍या 82400 तक जा पहुंची है। वहीं 1100 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। इस बीच सरकार की तरफ से भी उपाय किए जा रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिका में इसकी वजह से लाखों नौकरियां जा सकती है। अकेले न्‍यूयॉर्क में ही करीब 5 लाख लाग बेरोजगार हो सकते हैं।

न्‍यूयॉर्क के मेयर बिल ब्‍लेसियो के के मुताबिक कोरोना संकट इतना बड़ा है कि इसकी चपेट में न्‍यूयॉर्क समेत पूरा अमेरिका आ गया है। उनके मुताबिक इसकी वजह से आने वाले समय में करीब पांच लाख लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है।

एनबीसी के मुताबिक न्‍यूयॉर्क में बेरोजगारी बढ़ने का ये संभावित आंकड़ा केवल शुरुआती है। इसमें इजाफा भी हो सकता है। आपको बता दें कि अमेरिका में जब से कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू हुआ है और कुछ जगहों पर आंशिक लॉकडाउन लागू हुआ है तब से लेकर अब तक स्थिति काफी खराब हो चुकी है।

अमेरिका ने संकट को देखते हुए लोगों को राहत देने के मकसद से 3 खरब डॉलर के पैकेज का एलान किया है। इस तरह की आपदा से निपटनके लिए ये पैकेज दुनिया में सबसे अधिक है। वहीं इसके एलान के बाद जॉबलेस हुए लोगों ने अपने भत्‍ते के लिए जो आवेदन किए हैं उनकी संख्‍या ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। ट्रेजरी सेक्रेट्री स्‍टीवन म्‍नूचिन के मुताबिक इनकी संख्‍या 30 लाख तक जा पहुंची है। आलम तब है जब अभी तक अमेरिका में इस बीमारी के खत्‍म होने के आसार दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहे हैं।

अमेरिका ने यहां तक माना है कि यह संकट जून या जुलाई तक भी जा सकता है। ऐसे में बिल द्वारा जताई गई आशंका को भी बल मिलता है। अकेले न्‍यूयॉर्क में ही इसकी वजह से अबतक 365 लोगों की जान चली गई है।हालांकि राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ये साफ कर चुके हैं कि देश में लॉकडाउन नहीं किया जाएगा। इसको लेकर उनके और सांसदों के बीच मनमुटाव साफतौर पर सामने आ गया है। ट्रंप का कहना है कि वे ऐसा करके देश में आर्थिक संकट को और नहीं बढ़ाना चाहते हैं। ट्रंप ने मैरीलैंड में इसे एक बड़ा संकट बताया है। उन्‍होंने कहा है कि सरकार इससे निपटने का पूरा प्रयास कर रही है। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लॉस एंजलिस में करीब 50 लाख नॉन मेडिकल मास्‍क जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को मुहैया करवाए गए हैं।

कोरोना वायरस का प्रकोप अमेरिका में हर क्षेत्र पर साफतौर पर देखा जा सकता है। हर क्षेत्र के लोग इससे डरे हुए हैं। स्प्रिट एयरलाइंस के पूर्व सीईओ बेन बालडेंजा के मुताबिक 9/11 हमले के बाद यह पहली बार है जब देश की विमानन सेवाओं को सबसे बड़ा झटका लगने वाला है। ऐसा ही मानना ट्रेवल इंडस्‍ट्री से जुड़े विशेषज्ञ और सलाहकार हैनरी हर्टवेल्‍ड का भी है। उनके मुताबिक आने वाले महीने इस इंडस्‍ट्री के लिए काफी बुरे साबित होने वाले हैं।

गौरतलब है कि अमेरिका ने कई देशों से आने वाली विमान सेवा को पूरी तरह से रोक दिया है। वहीं कुछ देशों में अमेरिकी विमान नहीं जा रहे हैं। ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि विमान सेवा से जुड़ी कंपनियों को कोरोना वायरस की वजह से कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

प्रकाशित तारीख : 2020-03-27 22:24:52

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