माता-पिता अब हॉकी में देखेंगे अपने बच्चों का भविष्य: श्रीजेश

भारतीय पुरुष हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश का कहना है कि 41 साल बाद ओलिंपिक में पदक जीतने से अब माता-पिता अपने बच्चों को हॉकी में खेलने के लिए प्रेरित करेंगे। भारतीय टीम ने तोक्यो ओलिंपिक में जर्मनी को 5-4 से हराकर कांस्य पदक जीता था। हॉकी टीम ने 1980 मॉस्को ओलिंपिक के बाद कोई पदक जीता है।

एथलीटों के तोक्यो से लौटने पर यहां अशोका होटल में सोमवार की शाम सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था, जहां केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इन एथलीटों का सम्मान किया। श्रीजेश ने कहा कि हमने पदक जीता और दुनिया को साबित किया कि हम जीत सकते हैं। परिवार के लोगों को अब लगेगा कि उनका बच्चा भी हॉकी खेले। जैसे हमने पदक जीता वैसे ही एक दिन उनका बच्चा भी पदक लाए। तोक्यो ओलिंपिक श्रीजेश का तीसरा ओलिंपिक था। 33 वर्षीय गोलकीपर ने कहा कि टीम के लिए अब इस लय को बरकरार रखना और अधिक पदक जीतने की चुनौती है। उन्होंने कहा कि सभी खेल में चुनौतियां होती हैं। आप टेस्ट क्रिकेट खेलें या ओलिंपिक में भाग लें, आप हमेशा जीतने के लिए खेलते हैं। 

 

प्रकाशित तारीख : 2021-08-11 07:40:00

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