अफगानिस्तान में भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने की कोशिशें जारी, हाई लेवल पर हो रही है मॉनिटरिंग- भारतीय विदेश मंत्रालय

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अफगानिस्तान में तालिबान के चरमपंथियों ने राजधानी काबुल में प्रवेश कर राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति अशरफ गनी को देशी-विदेशी नागरिकों के साथ देश छोड़कर जाना पड़ा है. इस बीच अफगानिस्तान के हालात पर भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है. भारत सरकार ने कहा है कि काबुल में पिछले कुछ दिनों में सुरक्षा की स्थिति काफी खराब हो गई है. यह पल-पल बदल रही है.

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘सरकार अफगानिस्तान में सभी घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखे हुए है. हम भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए समय-समय पर सलाह जारी करते रहे हैं, जिसमें उनकी तत्काल भारत वापसी का आह्वान भी शामिल है. हमने आपातकालीन संपर्क नंबर प्रसारित किए थे और समुदाय के सदस्यों को भी सहायता प्रदान कर रहे थे. हम जानते हैं कि अफगानिस्तान में अभी भी कुछ भारतीय नागरिक हैं जो वापस आना चाहते हैं और हम उनके संपर्क में हैं.’

उसने कहा, ‘हम अफगान सिख और हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क में हैं. हम उन लोगों की भारत वापसी की सुविधा देंगे जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं. कई अफगान भी हैं जो हमारे पारस्परिक विकास, शैक्षिक और लोगों से लोगों के प्रयासों को बढ़ावा देने में हमारे भागीदार रहे हैं. हम उनके साथ खड़े रहेंगे.’

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘काबुल हवाई अड्डे से कमर्शियल फ्लाइट्स का ऑपरेशन आज (सोमवार) रद्द कर दिया गया है. हम प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए उड़ानों के फिर से शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. अफगानिस्तान की स्थिति पर लगातार उच्च स्तर पर नजर रखी जा रही है. सरकार भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और अफगानिस्तान में हमारे हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगी.’

काबुल में हवाई अड्डे पर अफरा तफरी का माहौल

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हवाई अड्डे पर अफरा तफरी का माहौल है, हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी जो जल्द से जल्द देश छोड़ने को बेचैन हैं. लोग हवाई पट्टी पर इधर से उधर दौड़ रहे थे और विमानों में सवार होने के लिए धक्का मुक्की हो रही थी. हवाई अड्डे की अफरातफरी पर काबू पाने के लिए अमेरिकी सैनिकों ने चेतावनी स्वरूप हवा में गोलियां भी चलाईं. राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से बाहर चले जाने के बाद रविवार को तालिबान के लड़ाके काबुल में घुस गए. इसके साथ ही दो दशक लंबे उस अभियान का आश्चर्यजनक अंत हो गया जिसमें अमेरिका और उसके सहयोगियों ने देश में बदलाव लाने की कोशिश की थी.

प्रकाशित तारीख : 2021-08-16 20:08:00

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