अफगानिस्तान: ‘तालिबानी शासन’ चला रहे हैं ये सात लोग!

Photo - Anadolu Agency

तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के निर्माण की घोषणा कर दी है। दशकों तक तालिबान का नेतृत्व छिप कर रहा है। मगर अब ये दुनिया के सामने आ चुका है। ऐसे में आइए जानते हैं तालिबान के प्रमुख नेता (Taliban Main Leaders) कौन हैं?

हैबतुल्लाह अखुंदजादा: 1961 में पैदा हुए हैबतुल्लाह अखुंदजादा (Haibatullah Akhundzada) तालिबान का तीसरा सुप्रीम कमांडर है. ये पद संगठन में सबसे ऊंचा पद होता है. वह एक सैन्य कमांडर की तुलना में एक धार्मिक नेता के रूप में अधिक जाना जाता है और लो प्रोफाइल में रहता है. तालिबान के शीर्ष नेता बनने के बाद से अखुंदजादा को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है और उसकी कुछ तस्वीरें ही सामने आई है.

हैबतुल्लाह अखुंदजादा: 1961 में पैदा हुए हैबतुल्लाह अखुंदजादा (Haibatullah Akhundzada) तालिबान का तीसरा सुप्रीम कमांडर है। ये पद संगठन में सबसे ऊंचा पद होता है। वह एक सैन्य कमांडर की तुलना में एक धार्मिक नेता के रूप में अधिक जाना जाता है और लो प्रोफाइल में रहता है। तालिबान के शीर्ष नेता बनने के बाद से अखुंदजादा को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है और उसकी कुछ तस्वीरें ही सामने आई है।

अब्दुल गनी बरादर: अब्दुल गनी बरादर (Abdul Ghani Baradar) तालिबान का डिप्टी लीडर संगठन का मुख्य सार्वजनिक चेहरा है. माना जा रहा है कि बरादर देश के अगला 'राष्ट्रपति' हो सकता है. बरादर के ओसामा बिन लादेन के साथ संबंध थे. इसने मुल्ला मोहम्मद उमर के साथ मिलकर तालिबान की सह-स्थापना की थी. बरादार को कराची में 2010 में अमेरिकी खुफिया विभाग के साथ एक संयुक्त अभियान में पकड़ा गया था. इसके बाद 2018 में शांति समझौते के लिए रिहा किया गया.

अब्दुल गनी बरादर: अब्दुल गनी बरादर (Abdul Ghani Baradar) तालिबान का डिप्टी लीडर संगठन का मुख्य सार्वजनिक चेहरा है। माना जा रहा है कि बरादर देश के अगला 'राष्ट्रपति' हो सकता है। बरादर के ओसामा बिन लादेन के साथ संबंध थे। इसने मुल्ला मोहम्मद उमर के साथ मिलकर तालिबान की सह-स्थापना की थी। बरादार को कराची में 2010 में अमेरिकी खुफिया विभाग के साथ एक संयुक्त अभियान में पकड़ा गया था। इसके बाद 2018 में शांति समझौते के लिए रिहा किया गया।

सिराजुद्दीन हक्कानी: हक्कानी नेटवर्क और तालिबान 2016 में एक-दूसरे के साथ आ गए. इस तरह सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) तालिबान का दूसरा डिप्टी लीडर बना. माना जाता है कि वह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच आता जाता रहता है. कहा जाता है कि वह दोनों देशों में वित्त और सैन्य संपत्ति की देखरेख करता है.

सिराजुद्दीन हक्कानी: हक्कानी नेटवर्क और तालिबान 2016 में एक-दूसरे के साथ आ गए। इस तरह सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani) तालिबान का दूसरा डिप्टी लीडर बना। माना जाता है कि वह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच आता जाता रहता है। कहा जाता है कि वह दोनों देशों में वित्त और सैन्य संपत्ति की देखरेख करता है।

मोहम्मद याकूब: तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा मोहम्मद याकूब (Mohammad Yaqoob) है, जिसे एक बार तालिबान का सर्वोच्च पद दिए जाने की चर्चा थी. हालांकि, अब याकूब के बारे में बहुत ही कम जानकारी है. मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि उसने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के एक मदरसे में शिक्षा हासिल की और अब वह अफगानिस्तान में रहता है. माना जाता है कि वह सिराजुद्दीन हक्कानी के साथ समूह की सैन्य गतिविधियों की निगरानी करता है.

मोहम्मद याकूब: तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा मोहम्मद याकूब (Mohammad Yaqoob) है, जिसे एक बार तालिबान का सर्वोच्च पद दिए जाने की चर्चा थी। हालांकि, अब याकूब के बारे में बहुत ही कम जानकारी है। मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि उसने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के एक मदरसे में शिक्षा हासिल की और अब वह अफगानिस्तान में रहता है। माना जाता है कि वह सिराजुद्दीन हक्कानी के साथ समूह की सैन्य गतिविधियों की निगरानी करता है।

अब्दुल हकीम हक्कानी: अब्दुल हकीम हक्कानी (Abdul Hakim Haqqani) को लेकर माना जाता है कि वह सुप्रीम कमांडर हैबतुल्लाह अखुंदजादा का करीबी है. हक्कानी तालिबान की वार्ता टीम का नेतृत्व कर रहा था, जिसने पूर्ववर्ती अमेरिकी सरकार के साथ शांति वार्ता की थी. वह धार्मिक विद्वानों की एक वरिष्ठ परिषद का भी प्रमुख है.

अब्दुल हकीम हक्कानी: अब्दुल हकीम हक्कानी (Abdul Hakim Haqqani) को लेकर माना जाता है कि वह सुप्रीम कमांडर हैबतुल्लाह अखुंदजादा का करीबी है। हक्कानी तालिबान की वार्ता टीम का नेतृत्व कर रहा था, जिसने पूर्ववर्ती अमेरिकी सरकार के साथ शांति वार्ता की थी। वह धार्मिक विद्वानों की एक वरिष्ठ परिषद का भी प्रमुख है।

शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई: शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई (Sher Mohammad Abbas Stanikzai) तालिबान का प्रमुख राजनयिक है. वह फरार्टेदार अंग्रेजी बोलता है और जब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा था, तब वो डिप्टी विदेश मंत्री था. उसने सरकारी अधिकारियों से मिलने के लिए चीन के प्रतिनिधिमंडलों का भी नेतृत्व किया है.

शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई: शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई (Sher Mohammad Abbas Stanikzai) तालिबान का प्रमुख राजनयिक है। वह फरार्टेदार अंग्रेजी बोलता है और जब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा था, तब वो डिप्टी विदेश मंत्री था। उसने सरकारी अधिकारियों से मिलने के लिए चीन के प्रतिनिधिमंडलों का भी नेतृत्व किया है।

जबीउल्लाह मुजाहिद: जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahed) ने इस हफ्ते की शुरुआत में काबुल में तालिबान की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. मुजाहिद के समूह के मैसेज को अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है. 20 वर्षों के युद्ध के दौरान उसने पत्रकारों से केवल फोन पर या मैसेज के जरिए संवाद किया.

जबीउल्लाह मुजाहिद: जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabihullah Mujahed) ने इस हफ्ते की शुरुआत में काबुल में तालिबान की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। मुजाहिद के समूह के मैसेज को अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है। 20 वर्षों के युद्ध के दौरान उसने पत्रकारों से केवल फोन पर या मैसेज के जरिए संवाद किया। SOURCE: TV9HINDI

प्रकाशित तारीख : 2021-08-19 18:59:00

प्रतिकृया दिनुहोस्