बार्डर पर चीन के बराबर सैनिक लगाएगा भारत

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ तनावपूर्ण माहौल के बीच चीफ  ऑफ  डिफेंस स्टाफ  (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ अहम मीटिंग की। इस मीटिंग में एलएसी के जमीनी हालात की समीक्षा की गई और आगे रणनीति पर विचार किया गया।

सूत्रों ने बताया कि चार घंटे से ज्यादा वक्त तक महामंथन हुआ, जिसमें रक्षा मंत्री ने चीन की तरफ  से सैनिकों की संख्या बढ़ाने पर भारत की प्रतिक्रिया का खाका पेश किया। इस महामंथन के दौरान स्पष्ट कर दिया गया कि संघर्षविराम के लिए बातचीत तो चलती रहेगी, लेकिन भारतीय सेना वहां अपनी संप्रभुता से बिल्कुल भी समझौता नहीं करते हुए अपनी पकड़ कायम रखेगी।

मीटिंग में यह भी फैसला हुआ कि इलाके में सड़क निर्माण का काम चलते रहना चाहिए और भारत अपना सैन्य दल-बल चीन के मुकाबले बढ़ाता रहेगा। भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो सेक्टर और गलवान घाटी के आसपास चौकसी अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है।

इसके अलावा चीन के साथ लगी पश्चिमी सीमा के ट्रेग हाइट्स, डेमचोक और चुमार इलाकों में भी भारतीय सेना बेहद सख्ती दिखा रही है। दरअसल, पांच मई को लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच कहासुनी हुई और छह मई की सुबह दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिसमें दोनों तरफ  के कई सैनिक जख्मी हो गए।

सूत्रों ने बताया कि उसके बाद से झड़प की जगह के नजदीक ही चीन ने अपने सैनिकों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि शुरू कर दी। इतना ही नहीं, चीन ने पैंगोंग लेक में पैट्रोलिंग भी बढ़ा दी और बोट भी बढ़ा दिए हैं।

प्रकाशित तारीख : 2020-05-27 09:09:13

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