भारत और नेपाल के बीच में कोई झगड़ा नहीं होने वाला

- विनय

इस पुल पर जहां से लोग चढ़ रहे हैं वो भारत में है और जहां पर लोग उतर रहे हैं वो भी भारत है। आगे काली माता का मंदिर दिखाई दे रहा है। उसी मंदिर के नीचे से एक नदी का उद्गम होता है जो इस फोटो में पुल के नीचे दिखाई दे रही है। इसे काली नदी के नाम से जाना जाता है। आगे चलकर ये नदी भयानक रौद्र रूप ले लेती है।

ये काली नदी ही भारत और नेपाल के बीच की सीमा है। बायीं तरफ़ भारत और दायीं तरफ़ नेपाल। समस्या यह है कि काली नदी का उद्गम गर्मी के मौसम में इधर से होता है और सर्दियों में यह शिफ़्ट होकर नेपाल में कुछ किलोमीटर अंदर चला जाता है।

भारत और नेपाल के बीच सीमा का विवाद बस इतना ही है। इससे न तो इधर यानी उत्तराखंड के लोगों को फ़र्क़ पड़ता है और न उधर नेपाल के लोगों को। लेकिन फ़र्क़ पड़ता है चीन को। क्योंकि यह जगह एक तरह की Tri Junction है। यानी एक साइड में चीन भी है। ऊंचाई पर होने से रणनीतिक तौर पर भारत की पोजिशन यहां बेहद मजबूत है।

नेपाल में कम्युनिस्ट सरकार है तो वो वही करेगी जो चीन कहता है। उसके कहने पर नेपाल नया मैप बनाए या जो मर्जी करे। भारत के आम लोगों को इस विवाद का बहुत लोड लेने की आवश्यकता नहीं है। यहां भारत और नेपाल के बीच में कोई झगड़ा नहीं होने वाला। दोनों तरफ के गांवों के लोगों के बीच आपस में शादियां होती हैं। बिना वीजा पासपोर्ट के लोग इधर से उधर आते-जाते हैं।

प्रकाशित तारीख : 2020-05-31 10:35:33

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