लिपुलेख के बाद अब गुंजी से ज्योलिंकांग तक जल्द बनेगी सड़क, महज डेढ़ घंटे में पहुंच जाएंगे आदि कैलाश

67 आरसीसी बीआरओ(बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) ने तवाघाट-लिपुलेख सड़क लिंक करने के बाद गुंजी से ज्योलिंकांग तक भी कटिंग का काम पूरा कर लिया है। 34 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर अब पुल बनने हैं। पुलों का निर्माण होते ही आदि कैलाश पहुंचना सुगम हो जाएगा। पहले आदि कैलाश जाने में दो दिन का समय लगता था। सड़क निर्माण पूरा होने से गुंजी से महज डेढ़ घंटे में पहुंच जाएंगे। 

चीन पहले ही भारतीय सीमा तक सड़कों का निर्माण कर चुका है। अब भारत में भी सीमा तक पहुंच आसान बनाने के लिए तेजी से सड़कों का निर्माण हो रहा है। लिपुलेख तक हाल ही में सड़क का निर्माण कर बीआरओ ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब गुंजी से ज्योलिंकांग के लिए भी सड़क कटिंग हो चुकी है। गुंजी से नाबी, कुटी गांव होते हुए ज्योलिकांग तक इस सड़क का निर्माण किया जा रहा है। कटिंग पूरी होने के बाद अब पुलों का निर्माण किया जाना है।

गुंजी से कुटी के बीच दो पुलों का निर्माण किया जा चुका है। जुलाई के आखिर तक कुटी गांव के घटखोला नाले में तीसरा पुल भी बन जाएगा। दो पुलों के सितंबर तक बनने की संभावना है। इस रूट पर आदि कैलाश स्थित है। पुलों के बनते ही इस सड़क के बनने से सुरक्षा बलों के जवानों को आवागमन में सुविधा मिलेगी। इसके अलावा आदि कैलाश के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं सहित माइग्रेशन पर जाने वाले सीमांत धारचूला के ग्रामीणों को भी सुविधा मिलेगी। 

प्रकाशित तारीख : 2020-07-18 11:18:27

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