कोयला बिजलीघर अब भी उगल रहे ज़हरीला धुंआं

दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण से भले ही लोगों का हाल बेहाल हो लेकिन कोयला बिजलीघर हानिकारक SO2 यानी सल्फ़र डाई ऑक्साइड गैस का उत्सर्जन रोकने की समय सीमा का पालन करने में एक बार फिर फेल हो गये हैं.

सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा में सल्फर नियंत्रक टेक्नोलॉजी लगाने में नाकाम रही बिजली कंपनियों ने अब कहा है कि उन्हें यह लक्ष्य हासिल करने के लिये करीब 3 साल और लगेंगे.

दिल्ली के पड़ोस में स्थित यूपी, हरियाणा और पंजाब के कुल 11 कोयला बिजलीघरों को 31 दिसंबर 2019 तक सल्फ़र डाई ऑक्साइड को रोकने के लिये प्रदूषण नियंत्रक टेक्नोलॉजी लगानी थी जिसे फ्ल्यू गैस डी-सल्फ़राइजेशन या FGD कहा जाता है.

प्रकाशित तारीख : 2020-01-07 11:39:43

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