राम मंदिर: 128 फीट ऊँचा, 5 गुंबद और मकराना संगमरमर का मुख्य द्वार

राम मंदिर भूमिपूजन के शुभमुहूर्त की तारीख का एलान शीघ्र ही होने को है। बीते शनिवार यानि 17 जुलाई को श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की अति महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इस बैठक में भूमिपूजन हेतु  3 और 5 अगस्त की तारीख की गयी, जिसे PMO कार्यलय भेज दिया गया है। अब गेंद PMO के पाले में है। इस विषय पर राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट  के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि, “हमने राम मंदिर की नींव रखने की तारीख के रूप में 3 अगस्त या 5 अगस्त  को चुनने के लिए प्रधानमंत्री को दो तारीखें भेजी हैं। जिस दिन वह तय होंगे, उस दिन से शुरू होगा।” 

यह भी बताया जा रहा है कि  प्रस्तावित नक्शे मंदिर की  प्रस्तावित नक्शे में कुछ बदलाव किये गए हैं। पहले जहाँ राम मंदिर में 3 गुंबद थे अब उसकी जगह 5 गुंबद बनाये जायेंगे। आपको बता दें  राम मंदिर मामले में उच्चतम न्यायलय द्वारा फैसला आने के बाद से ही इसपर मंदिर बनाने के कयास लगाए जा रहे थे। कल हुई बैठक में कुछ जरुरी फैसले भी लिए गए हैं। 

अगर हम प्रतावित राम मंदिर के मॉडल की बनात करें तो इसके अनुसार अब राम मंदिर दो मंजिल का बनेगा और यह 2।75 लाख घन मीटर भू-भाग पर बनेगा। अब प्रस्तावित मॉडल के हिसाब से मंदिर की लंबाई 270 फुट, चौड़ाई 140 फुट और ऊंचाई 128 फुट होगी। वहीं 330 बीम और दोनों मंजिलों पर 106-106 यानी कुल 212 खम्बे होंगे और साथ ही इस प्रतावित मंदिर में पांच दरवाजे होंगे। ये दरवाजे मंदिर के पांच हिस्सों यानी गर्भगृह, कौली, रंग मंडप, नृत्य मंडप और सिंह द्वार में स्थापित किये जायेंगे। इसके साथ ही अब राम मंदिर के मुख्य द्वार का निर्माण मकराना के सफेद संगमरमर से होगा और यह गर्भगृह के ठीक ऊपर 16.3 फीट का प्रकोष्ठ बनाया जाएगा और जिस पर 65.3 फुट ऊंचे शिखर का भी निर्माण होगा।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी देते हुए कहा कि सोमपुरा ही मंदिर का निर्माण करेंगे जिन्होंने सोमनाथ मंदिर को बनाया था। उन्होंने यह भी बताया कि मदिर निर्माण कार्य पैसों की किल्लत के चलते नहीं रुकेगा और इसके लिए लोगों से आर्थिक मद्दद भी ली जाएगी।

आपको बता दें कि कल राम मंदिर ट्रस्ट की बैठक हुई थी जिसमे मंदिर निर्माण को लेकर कई अहम् फैसले किये गए थे। मंदिर निर्माण के लिए बनाए श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकरी देते हुए कहा, “हमें लगता है कि 3-3.5 वर्षों के भीतर मंदिर निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। इसी के साथ मंदिर निर्माण की तारिक तय करने के लिए दो तरीकों में से एक का चयन करने के लिए प्रस्ताव भेजा है।” उन्होंने यह भी कहा कि , ” बैठक में हमने चर्चा कि देश के 4 लाख इलाकों में 10 करोड़ परिवारों से संपर्क किया जाएगा। मानसून के बाद और जब स्थिति सामान्य हो जाएगी, वित्तीय सहायता के लेकर मंदिर बनाने का काम किया जाएगा।” 

प्रकाशित तारीख : 2020-07-19 16:12:34

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