उदयपुर जाएं तो इन जगहों पर जरूर घूमे

उदयपुर का एक सबसे प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है सिटी पैलेस। यह राजस्थान का सबसे बड़ा महल है और इसलिए इसकी अपनी एक अलग महत्ता है। यह पहली बार 16 वीं शताब्दी में उदयपुर के संस्थापक महाराणा उदय सिंह द्वारा बनाया गया था, और बाद में लगातार शासकों द्वारा इसका विस्तार किया गया था। राजस्थान के अगर बेहतरीन पर्यटन स्थलों की बात हो और इसमें उदयपुर का नाम ना लिया जाए, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। यह अपने इतिहास, संस्कृति और अपने आकर्षक स्थलों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। उदयपुर का अपना एक समृद्ध इतिहास रहा है और आज भी इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व उतना ही है। ऐसे में अगर आप उदयपुर में हैं और वहां की कुछ यादगार यादें संजोना चाहते हैं तो आपको इन जगहों पर जरूर जाना चाहिए। 

 

 पिछोला झील 

पिछोला झील सिर्फ अपनी खूबसूरती के लिए ही नहीं जानी जाती, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह उतनी ही महत्वपूर्ण है। यह माना जाता है कि इसका निर्माण 14 वीं शताब्दी में एक स्थानीय जिप्सी अर्थात् बंजारे द्वारा किया गया था, और बाद में 16 वीं शताब्दी में मेवाड़ के शासक राणा उदय सिंह द्वितीय द्वारा इसका विस्तार किया गया था। इसका तट सिटी पैलेस, घाटों, हवेलियों और पहाडिय़ों से घिरा हुआ है, जबकि झील अपने आप में कई द्वीप महलों से युक्त है। इन्हें देखने के लिए आप सिटी पैलेस से घंटे भर की नाव की सवारी कर सकते हैं। 

 

सिटी पैलेस 

उदयपुर का एक सबसे प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है सिटी पैलेस। यह राजस्थान का सबसे  बड़ा महल है और इसलिए इसकी अपनी एक अलग महत्ता है। यह पहली बार 16 वीं शताब्दी में उदयपुर के संस्थापक महाराणा उदय सिंह द्वारा बनाया गया था, और बाद में लगातार शासकों द्वारा इसका विस्तार किया गया था। आज इस महल को कई संग्रहालयों में विभाजित किया गया है। 

 

सहेलियों की बाड़ी 

इस छोटे से बगीचे को मूल रूप से संग्राम सिंह द्वितीय द्वारा 18 वीं शताब्दी में 48 महिला परिचारिकाओं के लिए रखा गया था, जो अपनी शादी के बाद एक राजकुमारी के साथ थीं। यहाँ एक सुंदर कमल कुंड है, जो कई फव्वारे, कियोस्क और संगमरमर के हाथियों से घिरा हुआ है। 

 

जगदीश मंदिर 

यह 17 वीं शताब्दी का मंदिर हिंदू भगवान विष्णु के एक रूप भगवान जगन्नाथ के लिए बनाया गया था। यह महाराजा जगत सिंह द्वारा बनाया गया था। उदयपुर के पुराने शहर में स्थित इस मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्तियों के साथ-साथ संगीतकारों, नर्तिकयों और हाथियों के स्कल्पचर भी मौजूद हैं। 

प्रकाशित तारीख : 2020-09-27 09:14:47

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