कोर्ट का बीएमसी से सवाल, बाकि निर्माण क्यों नहीं तोड़े

एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangna Ranaut) के दफ्तर में तोड़फोड़ मामले में आज बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) सुनवाई है। बीएमसी (BMC) को कोर्ट को बताना है कि उन्होंने जितनी तेजी से कंगना के दफ्तर पर अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई की  उतनी तेज़ी बीएमसी दूसरे मामलों में भी दिखाती है। वहीं केस में शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) का भी नाम कोर्ट में आया था।

पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट में कंगना के वकील ने कहा था कि क्योंकि कंगना ने सत्ता में बैठे हुए लोगों को लेकर कुछ ऐसी बातें कही थी जो उनको पसंद नहीं आयीं और इस वजह से कंगना के दफ्तर का ये हाल किया गया। जबकि कंगना के दफ्तर पर किसी भी तरह का अवैध निर्माण नहीं चल रहा था।  

कंगना ने मांगी नुक्सान की भरपाई

कंगना रनौत ने 15 सितंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में संशोधन करते हुए बीएमसी से उनके दफ्तर पर ‘अवैध’ विध्वंस के लिए 2 करोड़ रुपये का मुआवजा भी मांगा है। अपनी याचिका में, रनौत ने आरोप लगाया कि बीएमसी द्वारा उनकी संपत्ति को गिराने का फैसला महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ उनकी टिप्पणियों का सीधा परिणाम था।

 

कंगना v/s बीएमसी

पिछले कई दिनों से कंगना की शिवसेना के साथ सार्वजनिक तौर पर मौखिक जंग जारी है। कंगना के पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर की तुलना मुंबई से करने वाले बयान के बाद, राज्य में सत्तारुढ़ पार्टी  भी कंगना को लगातार जवाब दे रही है। कुछ दिनों बाद कंगना ने एक वीडियो संदेश में यह भी कहा था कि, वह सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद ‘फिल्म माफिया’ से ज़्यादा मुंबई पुलिस से डरती हैं।

संजय राउत ने दिया था का जवाब 

उनकी टिप्पणी पर जोरदार प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना नेता संजी राउत ने कथित रूप से कहा था, “हम उनसे विनम्र निवेदन करते हैं कि वे मुंबई न आएं। यह कुछ और नहीं बल्कि मुंबई पुलिस का अपमान है।” विवादों से उपजी अपनी टिप्पणी के बाद, कंगना के बांद्रा कार्यालय ने इस कार्रवाई का सामना किया और शिवसेना के नेतृत्व वाले बीएमसी द्वारा 9 सितंबर को अपने गृहनगर मनाली में आए दिन, अवैध परिवर्तन के लिए इसके हिस्से को तोड़ दिया गया।

हाइकोर्ट में सुनवाई

रिपोर्ट्स के अनुसार, केस की सुनाई जस्टिस कथावाला और जस्टिस चागला कर रहे हैं। इसमें कथावाला और चागला ने बीएमसी के वकील चिनॉय से तोड़क करवाई के बाद फोटो लिए जाने पर सवाल किए हैं। वहीं कंगना के वकील बीरेंद्र सराफ ने कंगना के ऑफिस में हुई तोड़फोड़ की दिखाए। कोर्ट ने कहा है कि, “हमारे साथ कई ऐसे केस हुए हैं जब हमने कॉरपोरेशन को किसी जगह को तोड़ने के लिए कहा और उन्होंने नहीं तोड़ा। इसीलिए हमने देखा कि इस केस के हमारे पहले आर्डर पर ही जिस तेजी ने उन्होंने (बीएमसी) काम किया अगर वो शहर के अन्य केस पर भी इतनी तेजी से काम करें तो ये शहर रहने के लिए और बेहतर हो जाएगा।”

प्रकाशित तारीख : 2020-09-28 14:26:02

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