बिहार से सटी नेपाल सीमा पर बनीं कई मस्जिदें और गेस्ट हाउस, ये संगठन कर रहा फंडिंग

भारत-नेपाल सीमा पर कट्टरपंथी गतिविधियों का बढ़ना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. ये इनपुट इंटेलीजेंस एजेंसियों का है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की ओर से तैयार ताजा रिपोर्ट में भारत-नेपाल सीमा पर कट्टरपंथी गतिविधियां बढ़ने का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक बिहार से सटी नेपाल के सीमा के साथ वाले क्षेत्र में बड़ी संख्या में मस्जिदें और गेस्ट हाउस उभर आए हैं जिन्हें पाकिस्तान के दावत-ए-इस्लामिया (DeL) की ओर से फंडिंग मिल रही है.  

भारत-नेपाल सीमा की ताजा स्थिति से अवगत एक अधिकारी ने पहचान नहीं खोलने की शर्त पर आजतक/इंडिया टुडे को बताया कि अभी हाल में एक दो मंजिला गेस्ट हाउस का निर्माण किया गया है जहां, दावत-ए-इस्लामिया के ‘मेहमानों’ को ठहराया जाता है. यहां पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य देशों से आए लोगों को ठहराया जाता है.   

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि DeL की ओर से किए गए इस निर्माण की लागत 1.25 करोड़ रुपये है. इन्हें पाकिस्तान, भारत और नेपाल की DeL शाखाओं की ओर से फंड मिला है. जिहादी ग्रुप अधिकतर पाकिस्तान स्थित ग्रुप्स से फंड जुटा रहे हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि “नेपाल के सीमावर्ती जिले जैसे कि "रौताहट, परसा, कपिलवस्तु, सुनसारी और बारा में विदेश फंडिंग हासिल करने वाले मस्जिद-मदरसे भारत विरोधी गतिविधियों के केंद्र बने हुए हैं.”  

आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और फैजाबाद में एक बेस बनाने के लिए हाथ पैर मार रहा है जिससे कि नेपाल सीमा से सटे भारतीय इलाकों को टारगेट किया जा सके.  

अधिकारी ने बताया, "इन सीमावर्ती जिलों में रहने वाले नेपाल स्थित पाकिस्तान समर्थित मॉड्यूल भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त तत्वों और आतंकवादियों को शरण देते हैं. भारत-नेपाल सीमा पर इस्लामिक गतिविधियों में वृद्धि सुरक्षा बलों के लिए गंभीर चिंता का विषय है."  

LeT के ऑपरेटिव मुहम्मद उमर मदनी को क्षेत्र में नेटवर्क के विस्तार की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ऐसी ही गतिविधियों के लिए मदनी को पश्चिम बंगाल के कोलकाता और बिहार के दरभंगा में भी पहले कई मौकों पर भेजा गया है. 

सुरक्षा मामलों के जानकार मेजर जनरल एसपी सिन्हा (रिटायर्ड) कहते है, "भारत नेपाल की खुली सीमा का फायदा रेडिकल जिहादी गुट हमेशा से फायदा उठाने की फिराक में रहते हैं. पहले भी खुलासा हो चुका है कि भारत नेपाल सीमा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई बेस के तौर पर इस्तेमाल करना चाहती है. ऐसी  रिपोर्ट आई हैं कि आतंकी गुटों को इन रास्तों के जरिए भारत में घुसाने की साजिश हो रही है.”  

उन्होंने कहा, जिस तरीके से पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल के रेडिकल ग्रुप्स के जरिए बॉर्डर एरिया के मदरसों और मस्जिदों के लिए फंडिंग की जा रही है वह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है, लेकिन हम मानते हैं कि हमारी एजेंसियां ऐसी हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है.”  

प्रकाशित तारीख : 2020-09-28 19:04:37

प्रतिकृया दिनुहोस्