सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस ने टेस्ट का एक और स्टेज पार किया

भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस ने टेस्ट का एक और स्टेज पार कर लिया है। रविवार सुबह चेन्नई में इसे नेवी के स्टील्थ डेस्ट्रॉयर जहाज (इसे दुश्मन का रडार नहीं पकड़ सकता) आईएनएस चेन्नई से फायर किया गया। इसने इस टेस्ट फायर में अरब महासागर में एक टारगेट पर सटीक निशाना लगाया। 

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने इसकी जानकारी दी। यह मिसाइल ध्वनि की रफ्तार से तीन गुना तेजी से वार कर सकती है। इसकी रफ्तार करीब 3457 किमी प्रति घंटे है। यह 400 किमी की रेंज तक निशाना लगा सकती है। सुपरसोनिक क्रूज ब्रह्मोस मिसाइल को जमीन, जहाज और फाइटर जेट से दागा जा सकता है। मिसाइल के पहले एक्सटेंडेड वर्जन का परीक्षण 11 मार्च 2017 को किया गया था। ब्रह्मोस का नाम दो नदियों के नाम से लिया गया है, इसमें भारत की ब्रह्मपुत्र नदी का ब्रह्म और रूस की मोस्क्वा नदी से मोस लिया गया है। 

दो हफ्ते में दूसरी बार  हुआ मिसाइल का टेस्ट 

डीआरडीओ ने टेस्ट सफल रहने पर कहा- ब्रह्मोस एक प्राइम स्ट्राइक वेपन है। इससे हमारे जंगी जहाजों को लंबी दूरी तक सतह से सतह पर वार करने में मदद मिलेगी। दो हफ्ते पहले भी ओडिशा के चांदीपुरा स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज में इसे टेस्ट किया गया था। उस समय भी इसने परीक्षण के सभी मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया था। 

प्रकाशित तारीख : 2020-10-19 14:10:00

प्रतिकृया दिनुहोस्