छत्तीसगढ़: मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी 38 हजार वोटों से जीता, 20 साल से जोगी का था कब्जा

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छत्तीसगढ़ के मरवाही विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ. केके ध्रुव ने भाजपा प्रत्याशी डा गंभीर सिंह को 38 हजार 132 वोटों से पराजित किया। कांग्रेस प्रत्याशी को 83 हजार 372 और भाजपा उम्मीदवार को 45 हजार 240 मत मिले। इस जीत के साथ ही कांग्रेस के विधायकों की संख्या 69 से बढ़कर 70 हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद रिक्त हुई इस सीट पर तीन नवंबर को मतदान हुआ था।

सरकार की योजनाओं पर मरवाही के मतदाताओं ने लगाई मुहर

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के बाद यह पहली बार है जब मरवाही विधानसभा चुनाव में जोगी परिवार की सहभागिता नजर नहीं आई। नया जिला बनाए जाने के साथ ही राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर मरवाही के मतदाताओं ने मुहर लगा दी है।

जोगी परिवार के राजनीतिक भविष्य को लेकर सवालिया निशान

 

इस फैसले के साथ ही जोगी परिवार के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी सवालिया निशान लग गया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने मरवाही विधानसभा उपचुनाव को राजनीतिक रूप से प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र विवाद के कारण जोगी परिवार उपचुनाव से बाहर हो गया था। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा कर दी थी।

जकांछ के समर्थन के बाद भी भाजपा चुनावी वैतरणी पार नहीं कर पाई

 

जकांछ के समर्थन के बाद भी भाजपा चुनावी वैतरणी पार नहीं कर पाई। भाजपा व कांग्रेस के उम्मीदवार को मिले वोटों के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की अपेक्षा भाजपा व कांग्रेस दोनों ही फायदे में रहे। दोनों का वोट प्रतिशत बढ़ा है। जकांछ के मतदाताओं का मौजूदा उपचुनाव में सीधा-सीधा भाजपा व कांग्रेस के पक्ष में धुव्रीकरण हो गया है।

कांग्रेस प्रत्याशी ने मतगणना में पहले चरण से बढ़त बनाई जो अंतिम दौर तक जारी रही

 

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में मरवाही विधानसभा क्षेत्र में तीसरे नंबर पर रहने वाली कांग्रेस एक नंबर पर पहुंच गई है। कांग्रेस प्रत्याशी ने मतगणना में पहले चरण से बढ़त बनाई जो अंतिम दौर तक जारी रही।

मरवाही की जनता ने जोगी परिवार से हटकर अपना नया जनप्रतिनिधि भी चुन लिया

कांग्रेस की जीत के अहम मायने है। मरवाही की जनता ने राज्य सरकार के फैसले पर न केवल अपनी सहमति की मुहर लगा दी है वरन जोगी परिवार से हटकर अपना नया जनप्रतिनिधि भी चुन लिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय की दूसरी पारी का यह पहला चुनाव था। पहले ही चुनाव में वे झटका खा गए हैं। यह भी अटकलें लगाई जा रही है कि उनके संगठनात्मक क्षमता और नेतृत्व को लेकर एक बार फिर भाजपा में भीतर ही भीतर लांबिग तेज न हो जाए। उपचुनाव के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम,जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल से लेकर राज्य मंत्रिमंडल के मंत्रियों से लेकर विधायकों की फौज ने पूरे एक पखवाड़े मरवाही में कैंप किया था।

कांग्रेस और भाजपा ने चुनावी अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ी थी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीन दिनों में एक दर्जन से अधिक चुनावी सभाओं को संबोधित किया। विपक्षी दल भाजपा ने भी चुनावी अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने दो दिनों तक चुनावी सभाओं को संबोधित किया। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक,प्रदेश भाजपाध्यक्ष विष्णुदेव साय सहित पूर्व मंत्रियों ने मरवाही में जमकर प्रचार किया।

जोगी परिवार की न्याय यात्रा मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर पाई

इस फैसले ने कांग्रेस को किया मजबूत उपचुनाव के दौर में जकांछ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र को राज्य स्तरीय जाति छानबीन समिति ने रद कर दिया था। ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को मुंगेली जिला स्तरीय छानबीन समिति ने निलंबित कर दिया है। इसे लेकर जोगी परिवार ने मरवाही में न्याय यात्रा भी निकाली थी। चुनाव परिणाम से यह स्पष्ट हो गया है कि न्याय यात्रा मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर पाई।

प्रकाशित तारीख : 2020-11-10 19:51:00

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