बारासगवर का सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल खुद बीमार: कैसे बहाल हों स्वास्थ्य सेवाएं

जनपद का बारासगवर गांव जिसे यहां के चर्चित भाजपा के कद्दावर नेता साक्षी महाराज गोद लिए हैं का कोई पुरसाहाल नही है। केन्द्र व प्रदेश सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर तरह तरह के दावे करती हो किन्तु इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह बदहाल हैं। एक मात्र बारासगवर राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय खुद मेंं असाध्य वीमारी से ग्रसित है। यहाँ वर्तमान मेंं कोई डाक्टर नहीं है। अस्पताल की इमारत भी गिरने की कगार पर है।

गाँव के वरिष्ठ नागरिक ज्ञान बहादुर सिंह ने बताया कि पिछले साल से वारासगवर का यह राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय जो की एक बडी आबादी का स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर एक मात्र अस्पताल है । कई साल पहले इस अस्पताल में डाक्टर जे.एन. वर्मा जब तैनात थे तो इलाज उपलब्ध था । उनके सेवानिवृत्त हो जाने के बाद डाक्टर के.के. तिवारी की नियुक्ति हुई उनके जाने के फिर से सेवाएं बाधित  है।

उन्होंने बताया कि अस्पताल में डाक्टर  न होने से   मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। मरीजों को 30 किमी. उन्नाव शहर जाना पडता है। यहां के सांसद साक्षी महाराज ने इस गांव को गोद लिया है । साक्षी महाराज से कई बार अस्पताल को लेकर गाँव के लोगों ने कहा किन्तु उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। अस्पताल की इमारत भी गिरने की कगार में हैं। गाँव के अन्य लोगों ने भी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सांसद साक्षी महाराज की आलोचना की।

 ग्रामीणों ने फिर से राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के जीर्णोद्धार के साथ चिकित्सक की नियुक्ति किए जाने की मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री व आयुष मंत्री से मांग की है।

प्रकाशित तारीख : 2020-02-13 04:46:03

प्रतिकृया दिनुहोस्