देसी कोवैक्सीन असरदार

भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की ओर से विकसित किए गए कोरोना टीके के तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे सामने आ गए हैं। भारत बायोटेक ने बताया है कि तीसरे चरण में यह टीका 81 फीसदी प्रभावी पाया गया है। इस ट्रायल में 25,800 लोगों को टीका लगया गया था, जोकि देश में अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल है। बता दें, कि सरकार पहले ही इस टीके को आपातकालीन मंजूरी दे चुकी है और पीएम पीएम मोदी ने भी इसका डोज लिया है।

तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा आने से पहले वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने की वजह से विपक्षी पार्टियों और कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाए थे। इसी वजह से कई लोग इस वैक्सीन को लगवाने से कतराते थे। हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण के दूसरे चरण में यह टीका लगवाकर संदेश दे दिया था कि टीका पूरी तरह सुरक्षित है।

भारत बायोटेक के चेयरमैन और एमडी डॉ. कृष्णा इल्ला ने कहा, ''यह वैक्सीन विकास, विज्ञान और कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में में यह अहम दिन है। फेज तीन के आज के रिजल्ट के साथ हमने कोविड-19 वैक्सीन के फेज 1, 2 और 3 के आंकड़े जारी कर दिए हैं, जिनमें करीब 27000 प्रतिभागी थे।'' उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ प्रभावी सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही यह नए स्ट्रेन को रोकने में भी सक्षम है।

भारत सरकार ने एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से तैयार किए गए कोविशील्ड और कोवैक्सीन को सबसे पहले आपातकालीन मंजूरी दी थी। 

कोविड-19 का राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने के साथ शुरू हुआ था। जिन लोगों को पहली खुराक लगवाए 28 दिन हो चुके हैं, उन्हें 13 फरवरी से दूसरी खुराक लगानी शुरू कर दी गई थी। वहीं, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण दो फरवरी से शुरू हुआ था।

 

प्रकाशित तारीख : 2021-03-04 09:05:00

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