पश्चिम बंगाल के बालागढ़ के नाविक और समय की बदलती चाल

गाँव कनेक्शन

नई दिल्‍ली

शेख कुतुबुद्दीन हर साल मानसून के दौरान भारी बारिश की प्रार्थना करते हैं। उनकी इच्छा होती है कि जिस इलाके में वह रहते हैं, वहां खूब जोरों की बारिश हो। कुतुबुद्दीन के ऐसा सोचने के पीछे बहुत बड़ा कारण है क्योंकि वह जो काम करते हैं, बारिश के समय उसकी खूब मांग रहती है। दरअसल कुतुबुद्दीन नाव बनाने का काम करते हैं और अधिक बारिश में जब तालाब, सड़क और गलियां नदियों में तब्दील हो जाती हैं, उस समय लोग नाव का इस्तेमाल करते हैं। 38 साल के कुतुबुद्दीन उन 700 असाधारण लोगों में से हैं, जो नाव बनाने का काम करते हैं। ये सभी राज्य की राजधानी कोलकाता से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में स्थित बालागढ़ में रहते हैं।

बालागढ़ में नाव निर्माण एक घरेलू उद्योग की तरह है, जिसमें लगभग हर घर में काम होता है। हालांकि धीरे-धीरे उनके काम की मांग में कमी हो गई है। किसी समय में अच्छा काम कर रहा, नाव निर्माण उद्योग आजकल मंदा पड़ गया है। अनुसूचित जाति के आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र, बालागढ़ में 10 अप्रैल को चौथे चरण का मतदान हुआ। पश्चिम बंगाल में 294 विधानसभा सीटों पर आठ-चरण में मतदान हो रहा है। इन चुनावों के बीच बालागढ़ के नाविकों के लिए केवल एक ही चिंता का विषय है- आजीविका और रोजगार।

प्रकाशित तारीख : 2021-04-12 08:37:00

प्रतिकृया दिनुहोस्