केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को शिवसेना क्यों कहती है ‘मुर्गी चोर’? पढ़ें,

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सीएम उद्धव पर दिए गए बयान के बाद मुंबई के दादर इलाके में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुर्गी चोर (Murgi Chor) के पोस्टर्स लगाए थे। वहीं जब कांग्रेस प्रत्याशी नारायण राणे (Narayan Rane) बांद्रा पूर्व सीट से उपचुनाव हारे थे उस समय समय भी शिवसेना कार्यकर्ताओं ने हाथों में मुर्गी लेकर जश्न मनाया था। जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पूर्व सीएम को मुर्गी चोर क्यों कहा जा रहा है। इसके पीछे कई तरह की कहानियां बताई जाती हैं।

शिवसेना भवन से जुड़े एक कार्यकर्ता (Shivsena Worker) ने बताया कि नारायण राणे बचपन में अपने दोस्त हनुमंत परब के साथ मिलकर चेंबूर इलाके में जमकर गुंडागर्दी किया करते थे। वह बचपन में दोस्तों के साथ मिलकर कई बार मुर्गी भी चुरा (Stolen Murgi IN Childhood) चुके हैं। जब वह पकड़े गए थे तो उन्हें डाके ने बचाया था। तब से ही उन्हें मुर्गी चोर के नाम से चिढा़या जाने लगा। हालांकि ये बचपन की बात हैं। उनके खिलाफ मुर्गी चुराने को लेकर पुलिस थाने में कोई भी केस दर्ज नहीं है।

शिवसेना में ‘मुर्गी चोर’ के नाम से फेमस थे राणे

खबर के मुताबिक शिवसेना छोड़ने के बाद भी बाला साहेब ठाकरे से लेकर राम कदम तक सभी शिवसेना नेता उन्हें मुर्गी चोर के नाम से भी बुलाते थे। वहीं राणे का नाम मुर्गी चोर पड़ने के पीछे की दूसरी कहनी भी है। शिवसेना ऑफिस के एक सीनियर नेता के मुताबिक नारायण राणे मुर्गी चोरी के साथ ही लड़ाई-झगड़े में भी बहुत आगे थे। उन्होंने बताया कि चेंबूर इलाके में उनका एक गैंग काफी एक्टिव रहता था। उनेक गैंग पर मारपीट, हत्या की कोशिश जैसे गंभीर मामले दर्ज थे।

बाला साहेब ठाकरे भी कहते थे ‘मुर्गी चोर’

दरअसल नारायण राणे महाराष्ट्र के कोंकण से संबंध रखते हैं और कोंकण में छोटी-बड़ी आपराधिक घटनाओं में सक्रिय रहने वालों को मुर्गी चोर कहा जाता है। उनका नाम मुर्गी चोर पड़ने की एक वजह ये भी बताई जाती है। एक समय था जब नारायण राणे बाला साहेब ठाकरे के काफी खास माने जाते थे। लेकिन पार्टी से बगावत करके उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। उसके बाद उन्हें मुर्गी चोर कहकर चिढ़ाया जाता था।

प्रकाशित तारीख : 2021-08-24 12:20:00

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