सौतेली बहन से दुष्कर्म कर रहा था नेपाली मूल का जनक, न्यायालय ने सुनाई फांसी की सजा

जनपद में पहली बार दुष्कर्म के मामले में दोषी को फांसी की सजा सुनाई गई है।

जनपद की फॉस्ट ट्रैक कोर्ट ने पांच वर्षीय बालिका के साथ यह गाह तक दुष्कर्म करने वाले उसके 32 वर्षीय सोतेले बड़े भाई को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने इस गागल का अत्यधिक घृणित बताया है। वहीं पीड़िता को सात लाख रुपये का प्रतिकर देने के आदेश दिए हैं।

मामले के अनुसार नेपाली मूल का 32 वर्षीय जनक बहादुर अपने दो नाबालिग बच्चों और पांच वर्ष की सौतेली बहन के साथ जाजरदेवल थाना क्षेत्र के अंतर्गत रहता था, और अपनी सौतली वहन को मारता-पीटता था। इस मामले की कुछ लोगों ने जाजरदेवल थाने में सूचना दी।

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया दो नाबालिग बच्चों और पीड़िता को अपने संरक्षण में लिया और 4 अप्रैल 2021 को बच्चों को एक संस्था के संरक्षण में दे दिया। बाद में पीड़ित बच्ची ने संस्था के सदस्यों को अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया कि उसके माता पिता का निधन हो गया है।

वह अपने सीतेले भाई जनक बहादुर के साथ रहती है। जनक बहादुर विगत छह माह से उसके साथ दुष्कर्म कर रहा है। चिकित्सकीय परीक्षण किया गया तो बालिका के शरीर में कई गंभीर घाव भी मिले।

मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो, भादवि धाटा 376, 323 सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया। मामले की सुनवाई विशेष न्यायालय पॉक्सो में चली।

अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत और विशेष लोक अभियोजन प्रेम सिंह भंडारी ने पैरवी करते हुए संबंधित गवाहों को पेश किया। दोनों पक्षों और गवाहों को सुनते हुए विशेष न्यायाधीश पॉक्सो डा. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने जनक बहादुर को दोषी करार देते हुए इसे अति घृणित कृत्य बताते हुए शुक्रवार को उसे फांसी की सजा सुनाई। उन्होंने कहा कि सोतेला आई जिस तरह के कृत्य कर रहा था वह क्षम्य नहीं है।

न्यायालय ने पीड़िता के भरण पोषण व भविष्य के लिए सात लाख रुपए की धनराशि प्रतिकर के रूप में देने के आदेश भी दिए।

प्रकाशित तारीख : 2021-09-25 18:29:00

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