कचरे से बनेगी बिजली

देवनार डंपिंग ग्राउंड पर कचरे से बिजली बनाने के लिए मनपा ने एक कंपनी से करार किया है. अब बीएमसी ने सूखे कचरे से बिजली बनाने के लिए सलाहकार नियुक्त करने का निर्णय लिया है. सलाहकार पर बीएमसी 40 करोड़ रुपए खर्च करेगी. देवनार डंपिंग ग्राउंड में प्रतिदिन 600 मीट्रिक टन कचरे को प्रसंस्कृत करके बिजली बनाने के लिए परियोजना स्थापित की जा रही है. 15 वर्ष तक यह परियोजना रखने के लिए बीएमसी 1020 करोड़ रुपए खर्च करेगी. इससे मनपा को रोजाना 4 मेगावॉट बिजली मिलने की उम्मीद है. परियोजना को स्थापित करने में तीन साल का समय लगेगा. 

बीएमसी ने नवंबर 2020 में ही कंपनी के साथ करार किया था. अब एक साल बाद परियोजना के लिए सलाहकार खोजने का काम शुरू हो गया है. सलाहकार को परियोजना के निर्माण से लेकर परियोजना के शुरू होने तक अगले 15 साल तक काम करना होगा. बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा कि सलाहकार की नियुक्ति के लिए निविदा मंगाई गई है।

सलाहकार का काम

परियोजना के निर्माण के लिए आवश्यक विभिन्न अनुमतियों पर मार्गदर्शन प्रदान करने के अलावा, सलाहकार को परियोजना के वास्तविक निर्माण के साथ-साथ परियोजना के प्रारंभ के दौरान भी काम करना होगा। देवनार में कचरे से बिजली पैदा करने की योजना बनाई जा रही है. बीएमसी अंधेरी के के-पश्चिम विभाग में गीले कचरे से खाद बनाने का प्रयोग शुरू कर दिया है. बीएमसी ने यह प्रयोग पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरु किया है. यहां बनने वाली खाद राज्य के किसानों को मुफ्त दी जाएगी क्योंकि रोजाना तीन टन खाद उत्पन्न होगी. चरणबद्ध तरीके से इस प्रयोग का दायरा बढ़ाया जाएगा. वर्तमान में विभिन्न सोसायटियों में लघु स्तरीय परियोजनाएं शुरू की जा रही है।

 

प्रकाशित तारीख : 2021-10-25 07:39:00

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