महासागरों के 55 फीसदी प्रदूषण के लिए बड़ी कंपनियां जिम्मेदार, संकट में शार्क मछली का जीवन

महासागर का अम्लीकरण का प्रभाव अब शार्क पर भी होने लगा है। - फोटो : PTI

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शार्क मछली पालक देश है। शार्क मछलियों को उनके मांस और पंखों के लिए पकड़ा जाता है। शार्क के पंख मालवन से मडगांव और मंगलूरु जैसे दो प्रमुख मछली व्यापार केंद्रों से चीन और जापान में भेजे जाते हैं। इसी तरह, पोरबंदर से ओखा, वैरावल, मुम्बई, कालीकट और कोच्चि से होते हुए सिंगापुर, हांगकांग और दुबई व आबूधाबी तक शार्क के पंख भेजे जाते हैं।

शार्क मछलियों के पंखों का उपयोग चीन, जापान, इंडोनेशिया और थाइलैंड जैसे देशों में सूप बनाने और दवाओं में होता है। लेकिन हालिया एक शोध में यह बात सामने आई है कि इस शार्क मछली का जीवन संकट में है क्योंकि महासागर धीरे-धीरे अधिक अम्लीय हो रहे हैं, जिसका सीधा प्रभाव शार्क मछली के पंख और उसकी त्वचा पर पड़ रहा है।

प्रकाशित तारीख : 2020-02-25 22:59:00

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