किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेसियों  ने कारागार राज मंत्री को सौंपा ज्ञापन

गरीबों  और किसानों की बद से बदतर होती जा रही स्थित चिंता का विषय है। आधुनिक परिवेश में जहां खेती में लागत बढ़ती जा रही है और आमदनी कम होती जा रही है और यहां तक की प्राकृतिक मार से कभी-कभी किसान की लागत तक भी निकल पाना मुश्किल हो जाता है और किसान कर्ज के बोझ तले दबता चला जा रहा है। सरकारें वादा करके आती हैं और चली जाती हैं परंतु किसान का कोई पुरसाहाल नहीं है। इन्हीं सब बातों को लेकर आज कांग्रेस दल के नेता एवं पूर्व चेयरमैन हाफिज अनवारूल हक की अध्यक्षता में नगर अध्यक्ष अनिल कुमार अवस्थी के साथ कांग्रेसियों द्वारा एक ज्ञापन कारागार राज्य मंत्री को सौंपने के उद्देश्य स्थानीय कार्यालय में पहुंचे लेकिन कारागार राज मंत्री के अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि ने ज्ञापन स्वीकार किया। उनके द्वारा आश्वासन दिया गया कि इस ज्ञापन को अतिशीघ्र कारागार राज्य मंत्री जय कुमार जैकी तक पहुंचा दिया जाएगा।

ज्ञापन के मुख्य बिंदुओं में छुट्टा जानवर जो कि किसान की फसलों को रात रात भर जग कर रखवाली करने के बाद भी खा जाते हैं ,और किसान कुछ भी नहीं कर पा रहा है अतः छुट्टा जानवरों से बचाव के लिए रखवाली कर रहे किसानों को उसका उचित रखवाली भत्ता दिया जाए ।ग्राम पंचायत स्तर पर गौशालाओं का निर्माण कराया जाय ।

यह देखा जा रहा है कि पिछले तीन-चार वर्षों से कृषि लागत कई गुना बढ़ गई है। इस अनुपात में किसान की फसलों की कीमत बाजार में नहीं मिल पा रही है। सरकार लागत पर खाद, बीज, डीजल, बिजली, कीटनाशक इत्यादि किसान के प्रयोग में आने वाली वस्तुओं पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी सरकार द्वारा अभिलंब उपलब्ध कराई जाए। इसी प्रकार से पिछले 3 वर्षों में किसान के द्वारा पैदा किए जा रहे हैं ।

गन्ने के मूल में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है और ना ही समय से किसानों का भुगतान ही किया जा रहा है।  गेहूं गन्ना व अन्य फसलों के मूल्य का भुगतान सरकार द्वारा 15 दिनों के अंदर सुनिश्चित किया जाए। महंगाई के चलते फसलों की लागत अधिक आ रही है एवं बाजार मूल्य से उसकी भरपाई नहीं हो पा रही है। जिससे किसान के ऊपर कर्ज हो जाने के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर है।  सरकार कर्जमाफी के वादे को पूरा नहीं कर रही है।  कर्जमाफी सुनिश्चित की जाए।

फल सब्जी के रखरखाव की सरकारी व्यवस्था ना होने के कारण फसलों का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो जा रहा है । कोल्ड स्टोर/गोदाम में रखने से किसान की आमदनी का एक बड़ा हिस्सा कोल्ड स्टोर/ गोदाम के किराए के रूप में चला जाता है  न्याय पंचायत स्तर पर सब्जी व फलों को बचाने के लिए कम दाम में सरकारी कोल्ड स्टोर गोदामों की भी व्यवस्था की जाए। कुदरत की मार भी किसान को परेशान करती है ।ओला बारिश आपदाओं के चलते किसानों की फसलें तबाह हो जाती हैं ।लेकिन फसल बीमा के नाम पर लंबी कागजी कार्यवाही के बाद भी बहुत कम किसानों को नाम मात्र का ही लाभ मिल पाता है । किसानों के लिए एक किसान आयोग का गठन किया जाए और फसलों की बुवाई के पहले सरकार आयोग के साथ बैठक कर किसानों की समस्याओं को सुनकर उनका निस्तारण करें।

सरकार ने चुनाव के पहले किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था जो कि सरकार द्वारा अभी भी पूरा नहीं किया गया है ।जबकि जिन प्रांतों में कांग्रेस की सरकारें हैं वहां पर कर्ज माफी किया गया है  बोनस भी दिया जा रहा है ।कांग्रेसी सरकारों की तर्ज पर सभी फसलों की बोनस की भी व्यवस्था की जाए अंत में फसल बीमा का बजट बढ़ाने के लिए तथा जो किसान इससे प्रभावित हैं कम कागजी खानापूरी एवं भागदौड़ में ही उन्हें उचित मुआवजा प्रदान किया जाए, ताकि किसान सुखी एवं समृद्धि साली हो सके।

 ज्ञापन कारागार राज मंत्री के अनुपस्थित में उनके प्रतिनिधि को सौंपा गया ।

इस अवसर पर हाफिज अनवारूल हक पूर्व चेयरमैन, अनिल कुमार अवस्थी नगर अध्यक्ष, जीशान अध्यक्ष युवा मोर्चा, फैजान, मकसूद एवं इम्तियाज अहमद आदि लोग मौजूद रहे।

प्रकाशित तारीख : 2020-02-26 08:40:58

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