कोरोना वायरस महासंकट में बढ़ी मांग, दुनिया में कॉन्‍डम का पड़ा अकाल

किलर कोरोना वायरस के कहर से बचने के लिए करीब 3 अरब लोग लॉकडाउन में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। महासंकट की इस घड़ी में विश्‍वभर में कॉन्‍डम की मांग काफी बढ़ गई है लेकिन वैश्विक बाजारों से यह गायब है। इस बीच दुनिया के सबसे बड़े कॉन्‍डम निर्माता ने कहा है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया जिससे उसका उत्‍पादन ठप हो गया है। 

दुनिया में हरेक पांचवां कॉन्‍डम मलेशिया की कंपनी कारेक्‍स बीएचडी बनाती है। कारेक्‍स ने पिछले 10 दिन से मलेशिया में स्थित अपनी तीन फैक्ट्रियों से एक भी कॉन्‍डम नहीं बनाया है। डेलीमेल की खबर के मुताबिक मलेशिया सरकार ने लॉकडाउन की वजह से इन फैक्ट्रियों को बंद करने का आदेश दिया है। इससे वैश्विक बाजारों से 10 करोड़ कॉन्‍डम कम हो गए हैं। इन कॉन्‍डम की सप्‍लाई दुनियाभर में होती है। 

कोरेक्‍स के सीईओ गोह मिया काइट ने इस संबंध में कहा, 'हम कॉन्‍डम की वैश्विक कमी का सामना करने जा रहे हैं जो काफी डरावना हो सकता है।' उन्‍होंने कहा कि मेरी चिंता है कि दुनियाभर में कई ऐसे मानवीय कार्यक्रम चल रहे हैं जबकि कॉन्‍डम की यह कमी आने वाले कुछ सप्‍ताह या महीनेभर के लिए नहीं बल्कि कई महीने तक चल सकती है। 

दरअसल, दक्षिण पूर्व एशिया में मलेशिया कोरोना वायरस से सबसे ज्‍यादा प्रभावित हुआ है और यहां पर कोरोना वायरस से संक्रमण के 2161 मामले सामने आए हैं। यही नहीं कोरोना वायरस से अब तक 26 लोगों की मौत हो गई है। मलेशिया में 14 मार्च से लॉकडाउन लगा हुआ है। कॉन्‍डम बनाने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश चीन है जहां से कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। यहां भी फैक्ट्रिया बंद हैं। भारत और थाइलैंड में भी कॉन्‍डम बनाने वाली फैक्ट्रियां हैं लेकिन यहां भी वायरस का प्रसार तेजी से हो रहा है। 
 

प्रकाशित तारीख : 2020-03-29 09:45:11

प्रतिकृया दिनुहोस्