लॉकडाउन ने झुका दी किसान की कमर, खेत से लेकर मंडी तक टूटा मुसीबतों का पहाड़

किसानों को बुरी तरह प्रभावित कर रहा लॉकडाउन - फोटो : पीटीआई

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लगे लॉकडाउन ने किसानों की कमर झुका दी है। खेत से लेकर मंडी तक किसान पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। फसल कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। अगर किसी तरह फसल कट गई तो उसे मंडी तक ले जाने का इंतजाम नहीं है।दोगुने दामों में कोई किसान मंडी तक जाने का जुगाड़ कर भी लेता है तो वहां खुले आसमान तले फसल रखकर खुद ही उसकी रखवाली करनी पड़ती है। आंधी बरसात आ जाए तो सब खत्म। लॉकडाउन में जब मजदूर नहीं है तो मशीन से गेहूं कटाना पड़ रहा है। मतलब, पशुओं के लिए चारा नहीं मिलेगा। टाई में देर हो रही है तो बुआई का सीजन भी गड़बड़ा जाएगा।

मजदूर दो दिन में करते थे,  उस काम को करने में लग रहे दस दिन

लॉकडाउन के चलते किसान को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। छोटे किसान, मंझोले और बड़े किसान, सभी की तकरीबन एक जैसी समस्याएं हैं। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के वर्किंग ग्रुप के सदस्य अविक साहा पश्चिम बंगाल, बिहार, असम व उड़ीसा जैसे राज्यों में किसानों के हितों की लड़ाई लड़ते हैं। 

प्रकाशित तारीख : 2020-04-08 11:59:52

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