भारत और मलेशिया के बीच क्यों अहम बना पाम ऑयल

स्विट्ज़रलैंड के दावोस में 21 से 24 जनवरी के बीच वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम की बैठक होने वाली है. चर्चा है कि इस बैठक से इतर मलेशिया के वाणिज्य मंत्री डारेल लेइकिंग और भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मुलाक़ात कर सकते हैं.

न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक मलेशिया सरकार के प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी दी है. हालांकि, रॉयटर्स के ही मुताबिक़ वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी ने व्यस्त कार्यक्रम होने के चलते ऐसी किसी मुलाक़ात होने की योजना से इनकार किया है.

इस मुलाक़ात को लेकर चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के भारत के ख़िलाफ़ बयान के बाद दोनों देशों में व्यावसायिक स्तर पर टकराव चल रहा है जिसके केंद्र में है- भारत में मलेशिया से आयात होने वाला पाम ऑयल यानी ताड़ का तेल.

भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने और नया नागरिकता क़ानून (सीएए) लाने पर प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के बयान के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आ गया है.

प्रकाशित तारीख : 2020-01-21 01:09:33

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