कोरोना वायरस: वैक्सीन पर करोड़ोंं खर्च कर रहा ऑस्ट्रेलिया, यह दवा बन सकती है कोविड-19 का तोड़

रेखा राजवंशी

कोरोनावायरस ने विश्व भर को हिला कर रख दिया है और अनेक देशों में भयावह रूप से फ़ैल गया है। वर्तमान स्थिति के अनुसार अमेरिका और यूरोप में मृत्यु दर सबसे ज़्यादा है, पर ऑस्ट्रेलिया की बात करें तो यहां स्थिति अभी भी नियंत्रण में है। 

आज तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो 15 अप्रैल तक 6400 सेे ज्यादा लोगों को कोविड पॉजिटिव पाया गया है, जिनमे से 60 ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई है। इन आंकड़ों से यह तो स्पष्ट है कि यहांं स्थिति अन्य देशों की तुलना में काफी ठीक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस का प्रसार में कमी होने का मुख्य कारण है कि यहांं लोगों ने 'सेल्फ आइसोलेशन' के नियमों का पालन किया है।

प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि कम से कम छह महीने के लिए सामाजिक-दूरी (सोशल डिस्टैन्सिंग) के नियम लागू रहेंगे और संभावित रूप से लंबे समय तक, अगर शोधकर्ता इसके बचाव का टीका विकसित करने में असमर्थ हैं या अधिक समय लगता है। 


COVID-19 महामारी के चलते दुनिया के अधिकांश देश प्रभावित हुए हैं, काम काज लगभग ठप्प हो गया है, अर्थव्यवस्था चरमरा गई है और वैज्ञानिक इस बात को समझने में व्यस्त हैं कि इस वायरस को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है। कैसे जल्द से जल्द कोई वैक्सीन ढूंंढा जा सकता है और कैसे मरीजों का कारगर उपचार किया जा सकता है।

प्रकाशित तारीख : 2020-04-16 12:58:14

प्रतिकृया दिनुहोस्