पढाई की जगह हिम्मतपुर के प्राइमरी स्कूल में कराई जाती हैं बाल मजदूरी

बाल मजदूरी कानूनन अपराध है। यह भले ही कानून की दृष्टि में है किन्तु राजकीय प्राइमरी स्कूलों में यह कानून कोई मायने नहीं रखता है।सायद यही वजह है कि विकास खण्ड देवमई के हिम्मतपुर प्राइमरी स्कूल की प्रधानाध्यापिका को स्कूल के बच्चों से बाल मजदूरी कराने से कोई गुरेज नही है।

प्रधानाध्यापिका द्वारा स्कूल के छोटे बच्चों से स्कूल की सफाई कराने और ईट ढुलवाने का वायरल हुए वीडियो के अनुसार देवमई विकास खण्ड के प्राइमरी स्कूल की प्रधानाध्यापिका स्कूल के बच्चों से रोजाना स्कूल की साफ सफाई कराती है।हद तो तब हो गई जब बच्चों से ईट मौरम को ढुलवाने काम कराकर सरकार द्वारा बाल मजदूरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की परवाह किए बिना  मजदूरों का काम ले लिया। सवाल यह उठता है कि स्कूल बच्चों को शिक्षित और सांस्कारिक बनाने के लिए होता है या मजदूरी कराने के लिए होता है।

स्कूल में बच्चों से बाल मजदूरी कराने को लेकर अभिभावकों ने भी ऐतराज जताया है। बालमजदूरी कराने को लेकर प्रधानाध्यापिका से पूछा गया तो उन्होंने ने बताया कि बच्चे अपनी मर्जी से ईट ढो रहे थे।अब यह सवाल उठता है कि यहाँ तैनात दो अध्यापक और एक शिक्षामित्र है और बच्चे पढने की जगह ईट ढो रहे है उन पर अध्यापको का कोई अंकुश नहीं है।अध्यापक स्कूल को सिर्फ पिकनिक स्पॉट समझते हैं।

वायरल वीडियो को लेकर जब खणड शिक्षाधिकारी देवमई कृपा शंकर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी अपराध है प्रधानाध्यापिका द्वारा बच्चों से ईट मौरम ढुलाना उचित नही है।प्रधानाध्यापिका को नोटिस भेज कर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।

प्रकाशित तारीख : 2020-02-29 11:13:40

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