भैया किसनमा हो, ऐलई समईया होईयौन तैयार
ओ खेत जोतली अन्न उब्जइली, छिन लेलक जिम्मदार
खाएके विना अंतरी बैठल, हड्डी भेलै देखार
भैया किसनमा हो, जिम्मदार सब बडा छै बेइमान
हो कंकर पत्थर चुन चुन बनैली महल अटार
अप्ने रहै छि झोपडीमे, जाहिमे भूकैया कुत्ता बिराल
भैया किसनमा हो, जिम्मदार सब छै बडा बेइमान
रुई धुनली, सुतो कटली, कपडा कैली तैयार
तैयो नै कपडा हमरा भेटल , देहिया भेलै उघार
हो बडी छकान छकइला महाजन
हमरा गरीबके बातमे भुलाई जाली तमसुक बनौला हो
हो, पिछला तमसुक तरमे दबईला, दोब्बरी कागज बनैला हो
एक अन्नके बदला अनेकोके मारला हो, घरबार, गर गहना लुटला हो
पुलिस थानाके घरे बोलाके, खसी चाउर घ्यु खियइला हो
झूट फूसके जालमे फसाके सबके जेल पठौला हो
गाम गाम स जनता जगाके तोरा माइर भगेबो हौ
तभी छकान छुटतौ हौ महाजन
मैथिली भाषामा लेखिएका यस्तै क्रान्तिकारी गीतहरू गाएर कुनै बेला वर्ग संघर्ष गरेका थिए धनुषाका किसानले । जमिन्दारको शोषणबाट मुक्ति पाउन धनुषाको बिदेह नगरपालिका–५ का रामअवतार पासवानसहित मुरीबा, धबौली, कचौरी, तारापट्टी, सिरसिया लगायत गाउँका गरीब किसान, दलित समुदाय वर्ग संघर्षको आन्दोलनमा होमिएका थिए ।